2 line dard shayari | dard 2 line shayari hindi | बेहतरीन दो लाइन दर्द शायरी |दर्द भरी शायरी | dard bhari 2 line shayari
रोज़ पिलाता हूँ एक ज़हर का प्याला उसे
एक दर्द जो दिल में है मरता ही नहीं है
खामोशियाँ कर देतीं बयान तो अलग बात है
कुछ दर्द हैं जो लफ़्ज़ों में उतारे नहीं जाते
आँखों में उमड़ आता है बादल बन कर
दर्द एहसास को बंजर नहीं रहने देता
आईना आज फिर रिश्वत लेता पकड़ा गया
दिल में था दर्द चेहरा हँसता हुआ पकड़ा गया
दर्द मोहब्बत का ऐ दोस्त बहुत खूब होगा
न चुभेगा.. न दिखेगा.. बस महसूस होगा
लहजे से उठ रहा था हर इक दर्द का धुआं
चेहरा बता रहा था के कुछ गवां दिया
दर्द को मुस्कराकर सहना क्या सीख लिया
सब ने सोच लिया मुझे तकलीफ़ नहीं होती
लोग मुन्तज़िर ही रहे कि हमें टूटा हुआ देखें
और हम थे कि दर्द सहते-सहते पत्थर के हो गए
तकलीफ ये नहीं कि तुम्हें अज़ीज़ कोई और है
दर्द तब हुआ जब हम नजरंदाज किए गए
हर गलती सिर्फ #Sorry से माफ़ नहीं होती,
कुछ गलतियाँ ऐसी भी होती है जो उम्र भर दर्द देती है !!
कठपुतली के दर्द को भला किसने जाना है !
डोर नचाती है, खुश होता जमाना है !
मेरे साथ धोखा तो उन लोगो ने किया,
जिन्होंने अपना होने का दावा सबसे ज्यादा किया था !!
रोज एक नयी तकलीफ, रोज एक नया गम,
न जाने कब एलान होगा की मर गए है हम !!
ना लफ़्ज़ों का लहू निकलता है ना किताबें बोल पाती है,
मेरे दर्द के दो ही गवाह थे और दोनों ही बेजुबां निकले !!
किस दर्द को लिखते हो इतना डूब कर,
एक नया दर्द दे दिया है उसने ये पूछकर!!!
आदत बदल सी गई है वक़्त काटने की,
हिम्मत ही नहीं होती अपना दर्द बांटने की
कुछ बुँदे पानी की ना जाने कबसे रुकी है पलकों पे,
ना ही कुछ कह पाती है और ना ही बह पाती है !!
ए आईने तेरी भी हालत अजीब है मेरे दिल की तरह,
तुझे भी बदल देते है ये लोग तोड़ने के बाद !!
हमारा चार दिन की ज़िंदगी में हाल ऐसा है,
न जाने लोग कैसे है जो सौ सौ साल जीते है
कुछ जख्म सदियों बाद भी ताजा रहते है,
वक़्त के पास हर मर्ज़ की दवा नहीं होती !!
किसी से कभी कोई उम्मीद मत रखना, क्योंकि उम्मीद हमेशा दर्द देती है।
बुरा कैसे बन गया साहब, दर्द लिखता हुँ किसी को देता तो नही।
जख्म खरीद लाया हूँ बाजार-ए-दर्द से, दिल जिद कर रहा था मुझे मोहब्बत चाहिए।
दर्द की शाम है, आँखों में नमी है, हर सांस कह रही है, फिर तेरी कमी है।
सुनसान सी लग रही है ये शायरों की बस्ती, क्या किसी के दिल में दर्द नहीं रहा?
रोज कहाँ से लाऊँ एक नया दिल, तोड़ने वालों ने तो मजाक बना रखा है!
तेरी ख़ुशी की खातिर मैंने कितने ग़म छिपाए अगर मैं हर बार रोता तो तेरा शहर डूब जाता.
मुझको आते हैं माेहब्बत के सारे वज़ीफ़े
मैं चाहूं ताे तुम्हे पागल कर सकता हूं.
कौन क्यूं गया ये जरूरी नहीं
क्या सीखा कर गया वह जरूरी है.
यही बहुत है के दिल उसको ढूंढ लाया है …
किसी के साथ ही सही .. वो नज़र तो आया है.
अगर कोई आपसे कहे कि मैं तुम्हें धोखा नहीं दूंगा
तो ट्रस्ट बाद में करना पहले स्क्रीनशॉट ले लेना
पहले लोग उदास रहते थे तो अकेले रहते थे ,
अब Feeling Sad with 44 others रहते हैं.
अगर हमारे रोकने से वो रूक जाते
तो हम उनके सामने झुक जाते
घर जाते ही अपनी नज़र उतार लेना ,
कुछ लौंडों ने तुम्हें इश्क़ की नज़रों से देखा है !
मेरी खातिर हरगिज़ न जागना
नींद आये तो बता के सो जाना
तेरे खतों को बनाकर अपना वजूद
तुझ पर हाथ रखा .. और मैं चल पड़ा.
कुछ उनके लिये..
सुनो…ज़रा रास्ता बताना…,
मोहब्बत के सफ़र से वापसी है मेरी।
कुछ राज़ तो क़ैद रहने दो मेरी आँखों में,
हर किस्से तो शायर भी नहीं सुनाता है।
नसीहत अच्छी देती है दुनिया,
अगर दर्द किसी ग़ैर का हो।
चाह थी हर खुशी नसीब हो, हर मंज़िल दिल के करीब हो;
वहां ख़ुदा भी क्या करे, जहाँ इंसान ही बदनसीब हो.
खुद ही रोए और खुद ही चुप हो गए,
ये सोचकर की कोई अपना होता तो रोने ना देता!!
जिस शहर में दिन रात बरसती रहें आँखें
उस शहर को बारिश की ज़रुरत नहीं होती
दुआ करना दम भी उसी दिन निकले,
जिस दिन तेरे दिल से हम निकले
अच्छी थी कहानी मगर अधूरी रह गई,
इतनी मोहब्बत के बाद भी दूरी रह गई…
अच्छी थी कहानी मगर अधूरी रह गई,
इतनी मोहब्बत के बाद भी दूरी रह गई…
कल रात बरसती रही सावन की घटा भी,
और हम भी तेरी याद में दिल खोल के रोए,
लोग देते रहे ज़ख्म, सुलगती रही आँखें,
हम दर्द के मारों को न सोना था, न सोए।
अगर मोहब्बत की हद नहीं कोई,
तो दर्द का हिसाब क्यूँ रखूं।
खामोशियाँ कर देतीं बयान तो अलग बात है,
कुछ दर्द हैं जो लफ़्ज़ों में उतारे नहीं जाते।
अना कहती है इल्तेजा क्या करनी,
वो मोहब्बत ही क्या जो मिन्नतों से मिले।
मुकम्मल ना सही अधूरा ही रहने दो,
ये इश्क़ है कोई मक़सद तो नहीं है।
वजह नफरतों की तलाशी जाती है,
मोहब्बत तो बिन वजह ही हो जाती है।
गुफ्तगू बंद न हो बात से बात चले,
नजरों में रहो कैद दिल से दिल मिले।