Akelepan Shayari – नमस्कार दोस्तों आप अपनी जिंदगी में अकेलापन महसूस कर रहे हैं और अकेलेपन जिंदगी दर्द भरी शायरी तलाश रहे हैं. हमने आपके लिए बेहतरीन Akelepan zindagi dard bhari shayari इस पोस्ट में शेयर किए हैं. जिन्हें पढ़कर आपको लगेगा यह शायरी आपकी दर्द और फिलिंग्स को बयान कर रही है.
हम इस तरह से दर्द भरी माहौल से गुजरते हैं और हमें अपनी जिंदगी से बहुत कुछ सीखने को मिलती है. यह शायरी आपको दर्द भरी जिंदगी की से गुजरने में मदद करेगी आप अपने मन पसंदीदा अकेलेपन दर्द भरी शायरी पढ़े और शेयर करें.
अकेलेपन जिंदगी दर्द भरी शायरी
ख़्वाब की तरह बिखर जाने को जी चाहता है,
ऐसी तन्हाई में मर जाने को जी चाहता है।
ख़ुद में ही ख़ुद का वजूद ढूंढता हूँ मैं,
भीड़ में भी खुदको तन्हा समझता हूँ मैं,
बस एक तेरी कमी कुछ ऐसी है ज़िन्दगी में,
सब कुछ पाकर भी खुदको अकेला समझता हूँ मैं।
जब से मुझे प्यार
में मिली बेवफाई है
तब से मेरी जिंदगी में
दर्द और तन्हाई है..!
इंसान सिर्फ एक कारण से
अकेला पड़ जाता हैं
जब उसके अपने ही उसे
गलत समझने लगते हैं !!
हाल तो पूछती नहीं दुनिया जिंदा लोगों का,
चले आते हैं लोग जनाजे पर बारात की तरह !!
जब से मुझे प्यार
में मिली बेवफाई है
तब से मेरी जिंदगी में
दर्द और तन्हाई है..!
यह अकेलापन कासफर भी कट जाएगा
जिस दिन गम का
बादल हट जाएगा..!
बड़े ही हसीन अंदाज सेउसने दिल पर वार किया
पहले प्यार किया फिर
अकेलापन देकर दरकिनार किया..!
महफ़िल से दूर मैं अकेला हो गया
सूना सूना मेरे लिए हर मेला हो गया !!
हमारे इस अकेलेपन ने हमेंजीना सीखा दिया
बची हमारी ये हँसीं तो उसे हमनें
पहले ही भुला दिया !!
कदीर के आईने में मेरी तस्वीर खो गई,आज हमेशा के लिए मेरी रूह सो गई,
मोहब्बत करके क्या पाया मैंने,
वो कल मेरी थी आज किसी और की हो गई !!
कौन कहता है नफरतों मैं दर्द होता है,
कुछ मोहब्बत बड़ी कमाल की होती है !!
ज़िंदगी रही तो याद सिर्फतुम्हे ही करते रहेंगे
भूल गए तो समझ जाना
अब हम ज़िंदा नही रहे।।
सफेद लिबास उसे बहुत पसंद था मगर,आज जो हम कफन में लिपटे हैं,
तो वो रोता क्यों है !!
मेरी तन्हाई देखकर
उदासियां भी रो पड़ी
जब मुस्कुराने की कोशिश की
तो मेरी गुस्ताखियां रो पड़ी !!
कभी सोचा न था के वो मुझे तनहा कर जायेगा,
जो अक्सर परेशां देख कर कहता था मैं हूँ ना !!
ये अकेलापन मुझे भाने लगा अब,
करीब जाना मुझे चौकाने लगा अब।
हमें नही आता अपने दर्द का दिखावा करना,
बस अकेले रोते हैं और सो जाते हैं !!
तेरे जाने के बाद मैंने कितनों को
यु आज़माया हैं
मगर कोई भी मेरे इस अकेलेपन को
दूर नहीं कर पाया हैं !!
महफ़िल में गले मिलके वो धीरे से कह गए
ये दुनिया की रस्म है !!
इसे मोहब्बत न समझलेना !!
जाने दुनियाँ मे ऐसा क्यू होता है,
जो सब को खुशी देता वही रोता है,
उमर भर जो साथ ना दे सके वही,
ज़िंदगी का पहला प्यार क्यू होता है !
रोने की सजा न रुलाने की सजा है,
ये दर्द मोहब्बत को निभाने की सज़ा है,
हँसते हैं तो आँखों से निकल आते हैं आँसू !
ये उस शख्स से दिल लगाने की सज़ा है !
सुबह से रात और रात से यु ही सुबह हो जाती है,
ये अकेलापन खत्म होने का नाम ही नहीं लेता है।
Akelepan zindagi dard bhari shayari in hindi
तरक्कियों के दौर में उसी का जोर चल गया
बनाके अपना रास्ता जो भीड़ से निकल गया
कहाँ तो बात कर रहा था खेलने की आग से
ज़रा सी आँच क्या लगी कि मोम सा पिघल गया।
मैं चाहता हूँ सुबुक-गाम इतमिनान से आये
तेरी खबर भी गुलाबो के दरमियान से आये
मैं जब भी जागूँ तो जागूँ तेरे हवाले से
कि सवेरा आये तो होकर तेरे मकान से आये.
मुसाफिरो का कोई ऐतबार मत करना
जहाँ कहा था वहाँ इंतज़ार मत करना
और मैं नींद हूँ मेरी हद है तुम्हारी पलकों तक
बदन जलाकर मेरा इंतज़ार मत करना।
खुद हाथ से फिर उसने सरे शाम लिखा है
चौखट पर चरागों से मेरा नाम लिखा है
दरियाँ में बहाता है जलाकर ये दिएँ कौन
बहते हुए पानी पर भी पैगाम लिखा है।
गम की दौलत मुफ्त लुटा दूँ बिलकुल नहीं
अश्कों में ये दर्द बहाँ दू बिलकुल नहीं
तूने तो औकात दिखा दी है अपनी
मैं अपना मेयार गिरा दू बिलकुल नहीं।
हमारे दिल पर क्या गुज़री है तुम्हे बताये क्या
भरोसा तो टूट गया हम भी टूट जाये क्या
हमारे चेहरे पर तुम दागों की तोहमत लगाते हो
हमारे पास भी है आयना तुम्हे दिखाये क्या.
कहाँ रखूँ तुम्हारे फरेबी दिल के खज़ाने को
कि मेरे घर में कोई अलमारी नहीं है
साथ देते है खुशियों से गमो की मुसीबत तक
हाथ पकड़कर फिर छोड़ने की बीमारी नहीं है।
दर्द का एहसास होता है काँटों पे चलने के बाद,
आग की तपिश होती है आग पे चलने के बाद,
मत करो हम से बात कभी, मगर याद रखना,
हमारी कदर होगी आपको हमारे मर जाने के बाद।
ज़िन्दगी बेरंग बेनूर सी क्यों है,
ज़िन्दगी की हर ख़ुशी हमसे दूर क्यों है?
वक़्त बीत जाएगा यूँ ही इंतज़ार में लगता है,
आखिर खुदा खुद में इतना मगरूर क्यों है?
हो सकता है हमने आपका अनजाने में कभी दिल दुःखा दिया,
लेकिन तूने हमे दुनिया के कहने पर भुला दिया,
हम तो इस दुनिया में वैसे भी अकेले ही थे,
तो क्या हुआ तूने हमे ये एहसास दिला दिया।
ना जाने क्यूँ नज़र लगी ज़माने की,
अब वजह मिलती नहीं मुस्कुराने की,
तुम्हारा गुस्सा होना तो जायज़ था,
हमारी आदत छूट गयी मनाने की।
वो तो अपने दर्द रो-रो कर सुनाते रहे,
हमारी तन्हाइयों से आँखें चुराते रहे,
और हमें बेवफ़ा का नाम मिला,
क्योंकि हम हर दर्द मुस्कुरा कर छुपाते रहे।
दिल से ना पूछो की अंदर दर्द कितना है,
धड़कन से ना पूछो की बाकि खेल कितना है,
पूछना ही है तो जलती हुई लाश पूछो,
जिंदगी में गम और कफ़न में चैन कितना है।बेहिसाब गम में खुश रहने की कोशिश जारी हैउसने हमें भूल दिया तोअब हमें भी उसे भूल जाने की बारी है..!!जिस शहर में बातों से पहलेरातें खत्म हुआ करती थीआज उस शहर में खामोशी का पहरा है..!!मोहब्बत के नाम पर धोखा दिया है तुमनेमेरी बद्दुआ है कि तुम्हें कभीमोहब्बत नसीब ना हो..!!