सफर की दुआ | Safar ki dua in hindi 2023

safar ki dua in hindi-आज आप सफर की दुआ को हिंदी और इंग्लिश दोनों भाषाओं में पढ़ेंगे। हमारे बीच बहुत से मोमिन बन्दे सफर करते समय पहले दुआ पढ़ते हैं। याद नहीं होने पर वे इंटरनेट पर सफर की दुआ खोजते हैं, फिर भी पढ़ते हैं।

हम आज आपको सफर की कुछ दुआएँ बताएंगे जो आपको सफर करते समय ज़रूर पढ़नी चाहिए. सफर करने वालों को मुसाफिर कहते हैं और वे हर बुरी बात से बचना चाहते हैं।

ध्यान दें कि किसी भी दुआ को पढ़ने से पहले एक बार बिस्मिल्लाह हिर्रहमान निर्रहिम पढ़ें, फिर इस सफर की दुआ पढ़ने से पहले कम से कम तीन बार दुरूद पाक पढ़ें, इंशाअल्लाह आप हर आफत व बरियाद से बच जाएंगे।

सफर पर निकलने से पहले

दो रक्अत नफ्ल की नमाज़ पढ़नी चाहिए। आपने कहा, “जो मुसाफ़िर अपने सफर में दुनिया की बातों से दिल हटाकर अल्लाह की तरफ़ ध्यान रखेगा तथा उसकी याद में लगा रहेगा, वह मुसाफ़िर है।” तथा फरिश्ता उसके साथ रहता है। जो यात्री मूर्खतापूर्ण कार्यों और बेकार की बातों में व्यस्त रहता है शैतान उसके साथ रहता है।

सफ़र का इरादा बना लेने पर यह दुआ पढ़ें

अल्लाहुम-म बि-क असूलु व बि-क अहूलु व बि-क असीरु०

पवित्र और महान है वह खुदा जो इसे हमारे बस में कर दिया, हालांकि हम इसे नियंत्रित नहीं कर सकते थे; फिर भी हम अपने मालिक की ओर लौट जाएंगे।

यात्रा पर निकलते समय किसी भी सवारी (बाइक, कार, बस, ट्रेन या जहाज) पर सवार होते वक्त उपर लिखी सफर की दुआ पढ़ें।

यह सुन्नत है क्योंकि हज़रत अब्दुल्लाह बिन उमर ने कहा कि नबी ए अकरम सल्लल्लाहु अलैहि वसल्लम सफर पर तशरीफ करते समय तीन बार “अल्लाहु अकबर” कहकर दुआ पढ़ते थे।

जब आप सफर करते हुए अपने मंजिल, बस स्टेशन या हवाई अड्डा पर पहुंच जाएं, तो नीचे लिखी मंजिल की दुआ पढ़ें।

सफर से वापसी की दुआ

ला इलाहा इल्लल्लाहु वहदहु ला शरी क लहु लहुल मुल्कू व लहुल हम्दु व हुव अला कुल्ली शइन कदिर आइबु न ताइबू न आबिदू न साजिदू न लि रब्बिना हामिदुन।

Safar ki dua से वापसी की दुआ तर्जुमा

अल्लाह तआला के सिवा कोई इबादत के लायक नहीं वह एक है उसका कोई शरीक नहीं उसकी बादशाही है और वही लाइके तारीफ और वह हर चीज़ पर कादिर है हम लौटने वाले हैं तौबा करने वाले इबादत करने वाले सजदा करने वाले और अपने रब की तारीफ करने वाले हैं।

Safar ki dua क्या हैं ?

सुब्हानल्लज़ी सख्खर लना हाज़ा वमा कुन्ना लहू मुक़रिनीन, व इन्ना इला रब्बीना लमुनक़लिबून.

सफर से वापसी की दुआ

ला इलाहा इल्लल्लाहु वहदहु ला शरी क लहु लहुल मुल्कू व लहुल हम्दु व हुव अला कुल्ली शइन कदिर आइबु न ताइबू न आबिदू न साजिदू न लि रब्बिना हामिदुन।

कश्ती (नाव) जहाज़ पर सफर की दुआ

बिस्मिल्लाही मज़रीहा व् मुरसाहा इन्ना रब्बी आ गफ़ूरुर्रहीम

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